फतेहपुर जिले के यमुना तटवर्ती क्षेत्र से देश के तमाम महानगरों के लिये पलायन किए लोगों की वापसी कोरोना संक्रमण के तीसरे चरण में भारी मुसीबत का सबब हो सकती है।
बताते चलें कि करीब दो दशक पूर्व यमुना तटीय क्षेत्र में जीविका के लिए पैदा हुई दुश्वारियों के चलते पांच दर्जन से अधिक गांवों के 30 से लेकर 90 फ़ीसदी तक युवाओं का पलायन देश के महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, दिल्ली, आंध्रा जैसे प्रदेशों के महानगरों के लिए हुआ था। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते घोषित किए गए लाकडाउन के कारण इन हजारों युवाओं ने अपने गांवों में वापसी की है।
गौरतलब है कि भारी संख्या में इन युवाओं की वापसी के समय उनका न तो मेडिकल चेकअप किया जाना संभव रहा है और न ही संदिग्ध संक्रमितों को क्वारटाइन/आइसोलेशन दिया जा सका होगा। कहना ग़लत नहीं होगा कि समाज और परिवारों के बीच पहुंचे ये परदेशी बाबू तीसरे चरण की संक्रामकता को भयानक स्थिति तक आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।हजारों -हजार युवाओं की महानगरों से वापसी को लेकर यमुना तट क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका और दहशत ने लोगों की पेशानी पर बल ला दिया है।
हालांकि प्रशासन द्वारा ग्राम प्रधानों के माध्यम से वतन वापसी करने वालों की लिस्ट तैयार कराई जा रही है लेकिन चिंता इस बात की है कि जब तक ऐसे लोगों का चिन्हीकरण हो, उन्हें क्वारटाइन में या आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था की जाए तब तक ये बहुत से अन्य लोगों को कोराना संक्रमण की जद में ला चुके होंगे।
फतेहपुर जनपद में करीब 120 किलोमीटर की यमुना सीमा है।क्लाइमेट चेंज और अवैध खनन के चलते यमुना की धारा बदलने से हुए कटान से तटवर्ती गांवों के लोगों की हजारों बीघा जमीन यमुना निगल चुकी है। मैनुअल लोडिंग की जगह अवैध रुप से भारी मशीनों से मोरम खनन और लोडिंग शुरु होने से दो जून की रोटी कमाने वाले परिवारों के मुंह से निवाला भी गया तो पलायन की मजबूरी बनी। 1978 की सबसे विनाशक बाढ़ से चालू हुआ पलायन बढ़ता ही गया ।वर्तमान में कोरोना संक्रमण के तृतीय चरण और केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में लाक डाउन की घोषणा के बाद से लगभग 50 हजार
से अधिक पलायन किए गए युवा अपने गांवों को लौटे हैं।
खुदा खैर करे , कोरोना वायरस से संक्रमित 1, 2 फीसदी लोग भी यदि अपने गांव में , परिवारों में पहुंच चुके हैं तो वह अपने परिजनों, नजदीकियों सहित तमाम अन्य लोगों के जीवन के लिये बड़ी मुसीबत का सबब बन सकते हैं।